awaz ki ghazal
Thursday, March 1, 2018
रंग-ए-मोहब्बत
जितने भी रंग-ओ-गुलाल हैं
ऐ दुनिया, ये तेरे लिए हैं
मुझपे रंग-ए-मोहब्बत ऐसे चढ़ा
मैं तो सतरंगी हो गया
'आवाज़'
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