Monday, March 19, 2018

तू इत्र है मेरा

तू ज़िक्र है मेरा 
तू ही फ़िक्र मेरा 
यादों के जिस्म में 
तू ही इत्र है मेरा 

तू मेरा आज है 
तू ही कल मेरा 
तू ही मेरी लहरें 
तू ही साहिल मेरा 

 तू ही आग़ाज़ 
तू ही अंजाम मेरा
तू ही उन्वान (टाइटल/हैडिंग)
तू ही मज़मून मेरा 

तू ही हलचल 
दिल का 
और तू ही 
सुकून मेरा 

ओझल है मुझसे 
फिर भी 
रग रग में तेरे 
है वजूद मेरा 

हवा मेरी, घटा मेरी 
दिल की बस्ती की 
सारी गलियां मेरी 
हर रास्ता मेरा 

ख्यालों के पंख लगा के
उड़ता हूँ जहाँ 
वो वादियां मेरी 
वो आसमां मेरा 

तू आज में मेरे
मर्ज़ का इलाज है 
मैं गीत हूं तेरा
और तू साज़ मेरा 

तू धड़कन है 
मैं खनकती 'आवाज़'
जिसे सिर्फ़ मैं  जान सकूं 
वही हूं राज़ तेरा 
                         'आवाज़'
 

 



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