रिश्ते में कोई ज़ोर नहीं होता
प्यार का कोई छोर नहीं होता
ये वो समंदर है जिसमें
कूदते तो सब हैं मगर
पर कोई भी इनमें
ग़ोताखोर नहीं होता
गुच्छे में जब तक हों फूल
ख़ुश्बुओं का शोर रहता है
बिखर जाए सर-इ-राह अगर
इनका कोई मोल नहीं होता
बहते रहें जज़्बात
तो मन में कोई मैल नहीं होता
सच्चे हों गर एहसास
तो कोई ग़ैर नहीं होता
दो, किसी भी नाम से 'आवाज़'
तो रिश्ता नहीं बदलता
जो बस चुका हो रूह में
वो इंसा नहीं निकलता
'आवाज़'
प्यार का कोई छोर नहीं होता
ये वो समंदर है जिसमें
कूदते तो सब हैं मगर
पर कोई भी इनमें
ग़ोताखोर नहीं होता
गुच्छे में जब तक हों फूल
ख़ुश्बुओं का शोर रहता है
बिखर जाए सर-इ-राह अगर
इनका कोई मोल नहीं होता
बहते रहें जज़्बात
तो मन में कोई मैल नहीं होता
सच्चे हों गर एहसास
तो कोई ग़ैर नहीं होता
दो, किसी भी नाम से 'आवाज़'
तो रिश्ता नहीं बदलता
जो बस चुका हो रूह में
वो इंसा नहीं निकलता
'आवाज़'
Lajawaab👏👌
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