awaz ki ghazal
Wednesday, February 28, 2018
मैं वो दिया हूं
मैं वो दिया हूं
जो खुली हवा में हूं
हल्का झोंका भी चाहे
तो बुझा दे मुझे
या इलाही तू इक और
एहसान कर दे मुझ पे
ग़ुरूर, लालच, हसद
की हवा से बचा दे मुझको
'आवाज़'
Respect Humanity
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