awaz ki ghazal
Tuesday, January 16, 2018
Nishaan...
ना हम होंगे कल, ना अपना निशां होगा
ना ज़िक्र होगा कहीं, ना कोई बयां होगा
अपनी राहों में प्यार की लौ जला लो वरना
इधर तन्हा हम होंगे, उधर सारा कारवां होगा
'आवाज़'
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