awaz ki ghazal
Thursday, January 4, 2018
sukoon
दिल को उनके' सुकून मिले अगर
धो लें वो अपने नफरत के दामन हमसे
हम तो बहते पानी हैं, हमें क्या
चंद क़दम दूर चले और पाक हो गए
'आवाज़'
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