awaz ki ghazal
Saturday, April 7, 2018
दीवारों से गुफ़्तगू
करता हूं दीवारों से गुफ़्तगू अकसर
पर हैरां हूं !
हमारी बातें इन्हें सब याद हैं
कान होते हैं, अब तक यही सुना मगर
पर तुम्हारे एहसास भी सारे इनके पास हैं
'आवाज़'
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