Wednesday, February 15, 2017

khayalon ko ab humne...

ख्यालों को अब हमने

ख्यालों को अब हमने उड़ना सिखा दिया है 
नज़रों को अब दिल का परिंदा बना दिया है 
अब कुछ भी देखेंगे, तो उंचाईंयां गवाही देंगी 
मौत सी सोयी सोच को हमने ज़िंदा बना दिया
ख्यालों को अब हमने उड़ना सिखा दिया है 

जुबां है, कई बार कह के मुकर भी जाय किए हैं 
दिल है जिसने वादों में जां को दाव पर लगा दिए हैं 
हम भी निभाएंगे अपनी कही और सुनी को, देख लेना 
जियेंगे उनको हम, जितने भी इक़रार दोनों ने किए हैं  
ख्यालों को अब हमने उड़ना सिखा दिया है 

एक दिन था ख्यालों ने भी घुटन में गुज़ारें हैं 
इरादे ने भी मिलन को आज-कल में टाले हैं 
यूँ ही इंतज़ार ने कर दिया बेबस रिश्ते को 
हमने ही की पहल, हम ने ही फिर हल निकाले हैं 

और ख्यालों को अब हमने उड़ना सिखा दिया है 
और नज़रों को अब दिल का परिंदा बना दिया है
ख्यालों को अब हमने उड़ना सिखा दिया है 

"आवाज़"
 

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