बंद सा हो गया हूं...
कल तक जितना भरा था
आज उतना ख़ाली सा हो गया हूं
अच्छा है बाहर से सच दिखता नहीं
आजकल कुछ बंद सा हो गया हूं
हंसता हूं या रोता हूं
यहां परवाह किसे किसकी है
अपना रोना, अपनी हंसी से छुपाकर
आज कल कुछ ऐक्टर सा हो गया हूं
चेहरा आइना है दिल का
डरता हूं, हालात झलक न जाए
इसलिए दूसरों की सूरत पहनकर
आज कल कुछ बहुरूपिये सा हो गया हूं
कल शाम, यूंही चल पड़ा था तन्हा राहों पर
कुछ दूर तक, यादें भी मेरे साथ चली थीं
इसी ख़ुशी में मगन मैं 'आवाज़'
आज कल कुछ शायर सा हो गया हूं
'आवाज़'
कल तक जितना भरा था
आज उतना ख़ाली सा हो गया हूं
अच्छा है बाहर से सच दिखता नहीं
आजकल कुछ बंद सा हो गया हूं
हंसता हूं या रोता हूं
यहां परवाह किसे किसकी है
अपना रोना, अपनी हंसी से छुपाकर
आज कल कुछ ऐक्टर सा हो गया हूं
चेहरा आइना है दिल का
डरता हूं, हालात झलक न जाए
इसलिए दूसरों की सूरत पहनकर
आज कल कुछ बहुरूपिये सा हो गया हूं
कल शाम, यूंही चल पड़ा था तन्हा राहों पर
कुछ दूर तक, यादें भी मेरे साथ चली थीं
इसी ख़ुशी में मगन मैं 'आवाज़'
आज कल कुछ शायर सा हो गया हूं
'आवाज़'
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