awaz ki ghazal
Thursday, November 9, 2017
नफ़ा मोहब्बत का
नफ़ा मोहब्बत का जुदाई में और बढ़ता गया
तड़प अपनी, हुस्न को मेरे और पास ले आयी
'आवाज़'
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