awaz ki ghazal
Thursday, November 16, 2017
प्यार के हल्के झोंखे से...
प्यार के हल्के झोंखे से, दिल के बंद दरवाज़े खुल जाते हैं
नफ़रत के तूफ़ान कभी, इश्क़ के चराग़ बुझा
नहीं
पाते हैं
'आवाज़'
Friday, November 10, 2017
निगाहें मुड़ देखती हैं
आगे बढ़ता जाता हूँ पर
निगाहें मुड़ मुड़ यूं देखती क्यूं हैं
राहें मेरी तो वही हैं लेकिन
अंदेखी अंजानी सी लगती क्यूं हैं
'आवाज़'
खुश्क हवा
हवा कुछ खुश्क सी है इधर
शायद तेरी याद अब तक गुज़री नहीं
जिन लम्हों में तू नहीं मौजूद
उन लम्हों में दिल भी शरीक़ नहीं
'आवाज़'
Thursday, November 9, 2017
नफ़ा मोहब्बत का
नफ़ा मोहब्बत का जुदाई में और बढ़ता गया
तड़प अपनी, हुस्न को मेरे और पास ले आयी
'आवाज़'
Tuesday, November 7, 2017
तू दिल है
तू दिल है, दिल ही रहेगा
जब करेगा दिल की करेगा
दिमाग़ से तू कर ले दोस्ती
मुश्किल घड़ी में मस्त रहेगा
'आवाज़'
Monday, November 6, 2017
Ek Yaad Mili
कल रात यूं ही करवट ली, तो सिरहाने एक याद मिली
ख़ुशबू वही थी अब तक मगर, होठों पर फ़रियाद मिली
'आवाज़'
Sunday, November 5, 2017
Dil Ek Kitab
Saturday, November 4, 2017
Pankhudi Gulab Si
मिलते
ही
आज
,
वो
मेरा
कल
बन
गयी
'
मीर
'
की
मुकम्मल
ग़ज़ल
बन
गयी
होंठ
उसके
जैसे
पंखुड़ी
गुलाब
सी
आंखों
की
मस्ती
शराब
बन
गयी
'
आवाज़
'
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