awaz ki ghazal
Monday, December 31, 2018
मेरा इश्क़ उजला हुआ
मेरा इश्क़ उजला हुआ
तेरे हुस्न की चाँदनी में,
मेरा इश्क़ यूं उजला हुआ
तू पास रहा फिर भी न जाने क्यूं ,
मेरा ना कोई साया बना
पर दूर जाते ही तेरे,
मुझसे तेरी परछाईं निकल आयी
'आवाज़'
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